मुख्यमंत्री कन्यादान योजना राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से आने वाली कन्याओं की शादी के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत योग्य परिवारों को उनकी कन्याओं की शादी के लिए 40,000 रुपये तक की सहायता राशि दी जाती है ताकि उन्हें विवाह संबंधी खर्चों से निपटने में मदद मिल सके। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि कन्याओं और उनके परिवारों को विवाह के समय किसी भी वित्तीय बोझ का सामना न करना पड़े और वे सशक्तिकरण का अनुभव कर सकें।
योजना के उद्देश्य
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का मुख्य उद्देश्य कन्याओं की सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना और उन्हें सशक्त बनाना है। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार यह सुनिश्चित करती है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को उनकी बेटियों की शादी के लिए वित्तीय मदद दी जाए ताकि वे बिना किसी परेशानी के विवाह कर सकें। यह योजना राज्य में लिंग समानता को बढ़ावा देने के साथ-साथ बालिकाओं को शिक्षा और विकास के अवसर प्रदान करने का भी प्रयास करती है।
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वित्तीय सहायता और लाभ
- इस योजना के अंतर्गत पात्र परिवारों को कन्या की शादी के समय 31,000 से 41,000 रुपये तक की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
- यदि राज्य की बालिकाएं 10वीं कक्षा उत्तीर्ण करती हैं तो सरकार उनकी शादी के समय 41,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान करती है।
- वहीं यदि बालिकाएं 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करती हैं तो उनके विवाह के समय 51,000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है।
- इस योजना के तहत सरकार द्वारा 24 करोड़ रुपये की राशि की व्यवस्था की गई है जो बालिकाओं की शादी के लिए विभिन्न परिवारों को वितरित की जाएगी।
योजना की पात्रता
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की पात्रता निम्नलिखित प्रकार की है:
- आवेदक परिवार का राजस्थान का निवासी होना अनिवार्य है।
- कन्या की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
- आवेदक परिवार अन्य किसी प्रकार की आय का स्रोत नहीं रखता हो।
- कन्या ने 10वीं कक्षा तक की शिक्षा पूरी कर ली हो।
- बीपीएल परिवार के सदस्य जो अनुसूचित जनजाति या अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं।
- विशेष योग्यता प्राप्त व्यक्ति जो आयकरदाता नहीं हैं वे भी इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं।
- पलानहार योजना के लाभार्थी परिवारों की कन्याएं भी इस योजना के लिए पात्र हैं।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
पंजीकरण प्रक्रिया
- आवेदक को सबसे पहले योजना के आधिकारिक पोर्टल पर जाना होगा।
- वहां “रजिस्टर” विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद आवेदक को एसएसओ पंजीकरण पृष्ठ पर निर्देशित किया जाएगा जहां उन्हें जन आधार या गूगल से पंजीकरण करने का विकल्प मिलेगा।
- जन आधार का चयन करने पर जन आधार संख्या दर्ज करनी होगी और ओटीपी प्राप्त कर उसे सत्यापित करना होगा।
- गूगल का चयन करने पर जीमेल आईडी और पासवर्ड दर्ज कर लॉगिन करना होगा।
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आवेदन प्रक्रिया
- पंजीकरण के बाद आवेदक को डैशबोर्ड पर लॉगिन करना होगा।
- वहां “आईएफएमएस-राजएसएसपी” विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद “एप्लीकेशन एंट्री रिक्वेस्ट” पर क्लिक करें।
- भामाशाह परिवार आईडी दर्ज कर संबंधित व्यक्ति और योजना का चयन करें।
- आधार प्रमाणीकरण के बाद सभी आवश्यक विवरण भरें जैसे कि पेंशनर विवरण बैंक विवरण, विकलांगता विवरण आदि।
- सभी आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड कर फॉर्म को सबमिट करें।
दस्तावेज़ आवश्यकताएँ
आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की प्रतिलिपि प्रस्तुत करनी होगी:
- जाति प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड की प्रति
- पता प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक की प्रति
- जन्म प्रमाण पत्र (उम्र प्रमाण)
- आय प्रमाण पत्र
- शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र (10वीं/12वीं)
- विवाह प्रमाण पत्र
- जन आधार या भामाशाह कार्ड
- पासपोर्ट आकार की फोटो
- राशन कार्ड
- वोटर आईडी
महत्वपूर्ण प्रश्न
कौन कर सकता है आवेदन?
इस योजना के तहत वे परिवार आवेदन कर सकते हैं जो बीपीएल श्रेणी में आते हैं विशेष रूप से अनुसूचित जनजाति अल्पसंख्यक समुदाय या विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के परिवार।
क्या लाभ मिलते हैं?
इस योजना के तहत सरकार द्वारा शादी के खर्चों के लिए 31,000 से 51,000 रुपये तक की सहायता राशि प्रदान की जाती है जो कन्याओं को वित्तीय रूप से सक्षम बनाने में मदद करती है।
दस्तावेज़ कौन-कौन से जरूरी हैं?
आवेदन के समय आवेदक को जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, विवाह प्रमाण पत्र, शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे।
योजना का आवेदन शुल्क क्या है?
योजना के आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं है।
डीबीटी क्या है?
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) प्रणाली के तहत योजना की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाती है।
क्या यह योजना शहरी क्षेत्रों के लिए है?
हाँ, यह योजना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए है।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना एक उत्कृष्ट पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य की कन्याओं को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना और उनकी शादी में आने वाली वित्तीय चुनौतियों से निपटने में मदद करना है। यह योजना राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका उद्देश्य है कि कोई भी कन्या वित्तीय समस्याओं के कारण शादी से वंचित न रहे।