Anti Paper Leak Law लागू, जानिए क्या है ये कानून?

By Mahendra Kumar

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नई दिल्ली: भारत में परीक्षाओं में अनुचित साधनों और प्रश्न-पत्र लीक जैसी घटनाओं से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, ‘पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024’ शुक्रवार, 21 जून, 2024 से प्रभावी हो गया है। यह कानून, जो आमतौर पर ‘एंटी-पेपर लीक लॉ’ के नाम से जाना जाता है, केंद्रीय भर्ती और केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए आयोजित परीक्षाओं में अनुचित साधनों को रोकने के लिए बनाया गया है।

Anti Paper Leak Law लागू, जानिए क्या है ये कानून?
Anti Paper Leak Law लागू, जानिए क्या है ये कानून?

 

इस नए कानून की आवश्यकता क्यों थी?
हाल ही में NEET-UG 2024 और UGC-NET परीक्षाओं में प्रश्न-पत्र लीक होने के आरोपों और विवादों के बीच यह कानून लागू किया गया है। NEET-UG परीक्षा में लगभग 24 लाख छात्रों ने भाग लिया था, जबकि UGC-NET परीक्षा में 9 लाख से अधिक उम्मीदवार उपस्थित हुए थे। इन परीक्षाओं में प्रश्न-पत्र लीक होने और अनियमितताओं के आरोपों ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया।

पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट क्या है?
यह कानून ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए बनाया गया है, जिसमें परीक्षाओं में प्रश्न-पत्र लीक होना, नकल होना, और अन्य अनुचित साधनों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें UPSC, SSC, RRB, IBPS और JEE, NEET, CUET जैैसी प्रवेश परीक्षाओं को कवर किया गया है। यह कानून ऐसे अपराधों के लिए दोषी व्यक्तियों या संगठनों के लिए सख्त दंड का प्रावधान करता है।

देश में आधी रात से एंटी पेपर लीक क़ानून हुआ लागू

◆ इसे लीक परीक्षा क़ानून 2024 (Public Examination Act 2024) नाम दिया गया है

◆ क़ानून में 3-5 साल की सजा और 10 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है

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— News24 (@news24tvchannel) June 22, 2024

कानून के अंतर्गत दंड के प्रावधान:

  • प्रश्न-पत्र लीक करने या उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ करने वालों के लिए 3 से 5 साल की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना।
  • परीक्षा में नकल करने या किसी और को परीक्षा दिलाने वालों के लिए 3 से 5 साल की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना।
  • संगठित रूप से परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोहों के लिए 5 से 10 साल की जेल और 1 करोड़ रुपये से कम नहीं होगा जुर्माना.
  • परीक्षा सेवा प्रदाता कंपनियों के जिम्मेदार व्यक्तियों की मिलीभगत पाए जाने पर 3 से 10 साल की जेल और 1 करोड़ रुपये जुर्माना.
  • परीक्षा सेवा प्रदाता कंपनियों को दोषी पाए जाने पर 1 करोड़ रुपये जुर्माना और परीक्षा की लागत भी वहन करनी होगी.

इस कानून का उद्देश्य:
इस कानून का उद्देश्य परीक्षाओं में अनुचित साधनों और प्रश्न-पत्र लीक जैसी घटनाओं से निपटना और दोषियों को कड़ी सजा दिलाना है। यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और परीक्षार्थियों के हितों की रक्षा की जाए।

विरोध पार्टियों की प्रतिक्रिया:
विरोध पार्टियों ने सरकार पर हमला बोला है और इस मुद्दे को संसद में उठाने की बात कही है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से जवाबदेही तय करने की मांग की है।

#BreakingNews | देश में लागू हुआ एंटी पेपर लीक कानून, 3 साल की सजा का प्रावधान

पूरी खबर – https://t.co/t9J2eS8xR3#AntiPaperLeakLaw | #PaperLeak pic.twitter.com/bw1gvCWBw4

— NDTV India (@ndtvindia) June 21, 2024


इस नए कानून के लागू होने से परीक्षाओं में अनुचित साधनों और प्रश्न-पत्र लीक जैसी घटनाओं पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। यह कानून न केवल दोषियों को सजा दिलाएगा, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में भी मदद करेगा। यह सुनिश्चित करेगा कि परीक्षाएं निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित की जाएं ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रहे।

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