Ratan TATA News: रतन टाटा के 5 बड़े काम कभी भी नहीं भूल पाएंगे भारत के लोग

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रतन टाटा एक ऐसा नाम जिसने भारतीय उद्योग और समाज में अपनी छाप छोड़ी है। उनकी उदारता दूरदृष्टि और समाज सेवा की भावना ने उन्हें केवल एक सफल उद्योगपति नहीं बल्कि भारत के एक महानायक के रूप में स्थापित किया है। रतन टाटा के द्वारा किए गए कुछ कार्य ऐसे हैं जो न केवल देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं बल्कि ये कार्य हमेशा देशवासियों के दिलों में जीवित रहेंगे।

1. कोविड काल में मदद के लिए आए आगे  

कोविड-19 महामारी ने पूरे विश्व को हिला कर रख दिया था। भारत भी इस संकट से अछूता नहीं था। जब देश में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और ऑक्सीजन की भारी तंगी थी तब रतन टाटा और उनकी कंपनी टाटा समूह देश की मदद के लिए आगे आए। टाटा ट्रस्ट ने 500 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जिसमें ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना विदेशों से ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति और कोविड अस्पतालों की स्थापना शामिल थी। इस संकट के समय रतन टाटा ने खुद कहा था “यह समय पहले से अधिक एकजुटता दिखाने का है और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।”

2. कुत्तों के लिए पांच मंजिला अस्पताल का निर्माण

रतन टाटा न केवल मानवता के प्रति बल्कि जानवरों के प्रति भी अपने प्रेम और उदारता के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने नवी मुंबई में 165 करोड़ रुपये की लागत से एक पांच मंजिला अस्पताल का निर्माण कराया जहां 200 से अधिक पालतू कुत्तों का एक साथ इलाज हो सकता है। रतन टाटा का कुत्तों से विशेष लगाव था और उन्होंने कई बार अपने पालतू कुत्तों के इलाज के लिए विशेष प्रयास किए। यह अस्पताल इस बात का जीवंत उदाहरण है कि रतन टाटा सिर्फ उद्योग के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि समाज सेवा में भी अग्रणी हैं।

3. सबसे सस्ती कार ‘नैनो’ की लॉन्चिंग

रतन टाटा का सपना था कि हर भारतीय परिवार के पास अपनी खुद की कार हो। इस सपने को साकार करते हुए उन्होंने 2008 में ‘नैनो’ कार को लॉन्च किया, जो देश की सबसे सस्ती कार थी। मात्र 1 लाख रुपये की कीमत वाली इस कार ने भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में तहलका मचा दिया। नैनो कार का उद्देश्य था कि मध्यम वर्गीय परिवार भी कार का सपना पूरा कर सके। इस कदम ने रतन टाटा को एक ऐसे उद्योगपति के रूप में स्थापित किया जो समाज के हर वर्ग की जरूरतों को ध्यान में रखते हैं।

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4. फोर्ड कंपनी को संकट से उबारने का बदला

रतन टाटा का जीवन संघर्ष और प्रेरणा से भरा हुआ है। 1999 में जब उनकी कंपनी टाटा मोटर्स अपनी पैसेंजर कार डिवीजन को बेचने पर विचार कर रही थी तब फोर्ड कंपनी के चेयरमैन बिल फोर्ड ने तंज कसते हुए कहा था “तुम पैसेंजर कार बिजनेस में क्यों आए? यह तुम्हारे लिए बड़ा एहसान है कि हम इसे खरीद रहे हैं।” इस अपमानजनक टिप्पणी के बाद रतन टाटा ने कंपनी को बेचने का इरादा बदल दिया। समय ने करवट ली और 2008 में जब फोर्ड मोटर्स भारी संकट में थी तब रतन टाटा ने फोर्ड के जैगुआर और लैंड रोवर डिवीजन को खरीदा और उन्हें संकट से उबारा। यह कदम न केवल एक व्यावसायिक सफलता थी बल्कि एक ऐतिहासिक बदले की कहानी भी थी।

5. भारत में आईटी क्षेत्र की क्रांति: TCS की स्थापना

भारत में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के क्षेत्र में क्रांति लाने का श्रेय भी रतन टाटा को जाता है। टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (TCS) की स्थापना 1968 में की गई जो आज दुनिया की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनियों में से एक है। टीसीएस ने न केवल भारतीय आईटी उद्योग को एक नई दिशा दी बल्कि देश में लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी दिए। टीसीएस की सफलता ने यह साबित किया कि भारत टेक्नोलॉजी क्षेत्र में भी विश्व स्तरीय नेतृत्व करने में सक्षम है।

रतन टाटा: एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व

रतन टाटा के योगदान न केवल व्यावसायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं बल्कि वे एक ऐसे उद्योगपति के रूप में सामने आए जिन्होंने हमेशा समाज की भलाई के लिए काम किया। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में कई क्रांतिकारी कदम उठाए। उनके द्वारा किए गए कार्यों ने न केवल भारत को बल्कि पूरे विश्व को प्रेरित किया है।

टाटा समूह के योगदान के पीछे रतन टाटा का दूरदर्शी नेतृत्व और उनकी समाज सेवा की भावना है। उन्होंने दिखाया कि एक उद्योगपति केवल मुनाफे के पीछे नहीं भागता बल्कि समाज के लिए भी जिम्मेदार होता है। रतन टाटा का नाम भारतीय इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा और उनके द्वारा किए गए ये पांच कार्य उनकी महानता का जीवंत प्रमाण हैं।

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